The Jesus: फिल्म की दुनिया में हर साल हजारों फिल्में बनती हैं, लेकिन कुछ ही ऐसी होती हैं जो अपनी पहचान पूरी दुनिया में छोड़ जाती हैं। किसी फिल्म को उसके शानदार एक्टिंग, किसी को डायरेक्शन, किसी को म्यूजिक और किसी को दमदार कहानी के लिए अवॉर्ड्स मिलते हैं।
जैसे किसी ने अकादमी अवॉर्ड्स जीते, किसी ने ऑस्कर अपने नाम किया, किसी को गोल्डन ग्लोब मिला तो कोई बाफ्टा अवॉर्ड्स ले उड़ा। लेकिन आज हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, उसकी कहानी ही इतनी दमदार थी कि उसे किसी अवॉर्ड की जरूरत ही नहीं पड़ी।
इस फिल्म को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इतना पसंद किया गया कि इसे 1000 से भी ज्यादा भाषाओं में डब किया गया। सोचो, इतनी ज्यादा भाषाओं में कोई फिल्म डब होना अपने आप में कितना बड़ा रिकॉर्ड है। इससे साफ है कि जब कंटेंट और कहानी दिल से जुड़ती है, तो अवॉर्ड्स से ज्यादा लोगों का प्यार मिलना बड़ी बात होती है। और यही इस फिल्म ने साबित कर दिया।

1000 से ज्यादा भाषा में की गई डब
आज हम जिस फिल्म के बारें में बात कर रहें है वो साल 1979 में रिलीज हुई अमेरिकन बाइबल ड्रामा ‘द जीसस’ है। इस फिल्म को 1000 से ज्यादा भाषाओं में डब किया गया हैं। इस फिल्म को पीटर साइक्स और जॉन कृष ने डायरेक्ट किया था, वहीं इसके प्रोड्यूसर रहे जॉन हेमैन।
फिल्म की खास बात ये है कि इसमें ब्रायन डिकन ने यीशु मसीह का किरदार निभाया, जो लोगों के बीच आज भी काफी फेमस है। ‘द जीसस’ फिल्म को अब तक 1000 से भी ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट किया जा चुका है। यही वजह है कि इसे दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली मूवी भी कहा जाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फिल्म दुनियाभर के करोड़ों लोगों तक पहुंच चुकी है। खास बात ये है कि ये सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि लोगों के लिए एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव भी बन चुकी है।

फिल्म में दिखाई गईं थी खास चीजें
अगर आप यीशु मसीह की जिंदगी और उनकी कहानियों को समझना चाहते हो, तो ‘The Jesus’ फिल्म आपके लिए सही ऑप्शन हो सकती है। इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें पूरी कहानी को एकदम सिंपल और समझने लायक तरीके से दिखाया गया है।
फिल्म को वॉयस ओवर नरेशन स्टाइल में बनाया गया है, मतलब कोई बैठकर आपको पूरी कहानी सुनाता है और साथ में वो सीन भी चलते रहते हैं, जिससे हर बात अच्छे से क्लियर होती है। ये फिल्म करीब 46 साल पहले बनाई गई थी और उस वक्त इसका बजट 6 मिलियन डॉलर था, जो उस जमाने में काफी बड़ी रकम मानी जाती थी।

खास बात ये भी है कि इस फिल्म की शूटिंग इजरायल में की गई थी, ताकि जो लोकेशन हैं वो असली दिखें और ऑडियंस को ज्यादा कनेक्शन महसूस हो। एक दिलचस्प बात ये भी है कि जब ये फिल्म रिलीज हुई थी, तब इसमें किसी भी कास्ट का नाम नहीं दिखाया गया था। प्रोड्यूसर का मानना था कि असली हीरो वो लोग हैं, जिन्होंने इसे अलग-अलग भाषाओं में ट्रांसलेट किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे समझ सकें।