बॉलीवुड इंडस्ट्री एक्टर गोविंदा आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। गोविंदा कभी बॉलीवुड का हीरो नंबर 1 कहा जाता था।
90 के दशक में अगर आप किसी से पूछते कि उनका फेवरेट एक्टर कौन है, तो जवाब अकसर होता गोविंदा। उनके डांस मूव्स, कॉमिक टाइमिंग और एनर्जी से भरी एक्टिंग ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों का चहेता बना दिया था। लेकिन फिर समय बदला और धीरे-धीरे गोविंदा की फिल्मों का ग्राफ नीचे आने लगा। एक वक्त ऐसा आया जब उन्हें अच्छे रोल मिलने ही बंद हो गए। अब वो कई सालों से बड़े पर्दे पर दिखाई नहीं दिए हैं।
हाल ही में फिल्म मेकर पहलाज निहलानी ने एक इंटरव्यू में गोविंदा के करियर में आई गिरावट पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि गोविंदा का डाउनफॉल अचानक नहीं हुआ, इसके पीछे कई वजहें थीं इंडस्ट्री की पॉलिटिक्स से लेकर कुछ गलत फैसलों तक। उन्होंने यह भी कहा कि गोविंदा के टैलेंट में कोई कमी नहीं थी, लेकिन इंडस्ट्री के कुछ बड़े लोगों ने उन्हें धीरे-धीरे साइडलाइन कर दिया।

कैसे डूबा नोविंदा का करियर
बता दें कि हाल ही में फिल्ममेकर पहलाज निहलानी ने एक इंटरव्यू में इस बारें में खुलकर बात की और बताया कि गोविंदा का करियर उनके आसपास के लोगों और संगति की वजह से डगमगाया। पहलाज निहलानी ने बताया कि गोविंदा में हर वो क्वालिटी थी जो एक सफल एक्टर में होनी चाहिए वो ऑलराउंडर थे।
लेकिन उनकी एक कमजोरी ये थी कि वो लोगों पर बहुत जल्दी भरोसा कर लेते थे। यही बात उनके लिए भारी पड़ गई।
उन्होंने ये भी कहा कि गोविंदा का आसपास का माहौल काफी नेगेटिव था। वे कई बार ऐसे लोगों की संगति में आ जाते जो उन्हें गुमराह करते। चाहे वो ज्योतिषी हों या कोई और, वो उन बातों पर विश्वास करते थे जिन्हें बाकी लोग गंभीरता से नहीं लेते। नतीजा ये हुआ कि उनका करियर धीरे-धीरे नीचे की ओर चला गया।
ये बात भी सोचने वाली है कि इंडस्ट्री में टैलेंट के साथ-साथ सही गाइडेंस और सही लोगों का साथ कितना जरूरी होता है। गोविंदा जैसा टैलेंट अगर आज के वक्त में होता, तो शायद सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपनी जगह फिर से बना सकता था। लेकिन उस समय, गलत फैसले और गलत लोगों की सलाह ने उनके करियर को काफी नुकसान पहुंचाया। आज भी उनके फैंस उन्हें बड़े पर्दे पर देखने का इंतजार करते हैं, लेकिन शायद उनके लिए वक्त फिर से वैसा नहीं रहा।

डेविड धवन पर लागाया आरोप
पहलाज ने आगे बताया कि डेविड धवन ही वो शख्स थे जिन्होंने गोविंदा के साथ उनके रिश्तों में दरार डाली। उन्होंने बताया कि पहले डेविड एक सिंगल-स्क्रीन हीरो के तौर पर कामयाब थे, लेकिन जब मल्टीप्लेक्स कल्चर आया तो उनकी फिल्मों को वो पहचान नहीं मिल पाई।
उन्होंने आगे कहा कि “पार्टनर” के बाद जब गोविंदा का करियर फिर से चलने लगा, तब भी उन्हें इंडस्ट्री में वो सपोर्ट नहीं मिला जिसकी उन्हें जरूरत थी। उनके मुताबिक, डेविड धवन उस समय गोविंदा के काफी करीब थे और उन्होंने ही गोविंदा के दिमाग में उनके खिलाफ नेगेटिव बातें भरीं।
पहलाज ने दावा किया कि डेविड को ये लगा कि उन्होंने (पहलाज ने) पैसे तो खूब कमाए, लेकिन डेविड का नाम उनके बैनर की फिल्मों से बना।

90 के दशक में टॉप एक्टर थे गोविंदा
गोविंदा का नाम आते ही 90 के दशक की वो मस्त-मलंग फिल्में याद आ जाती हैं, जिनमें कॉमेडी, डांस और मस्ती का पूरा तड़का होता था। उस दौर में अगर कोई ऐसा एक्टर था जो हर उम्र के लोगों को हंसा सकता था, तो वो गोविंदा ही थे। राजा बाबू, कुली नंबर 1, हीरो नंबर 1, साजन चले ससुराल ऐसी कई फिल्में हैं जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।
उनका स्टाइल, उनकी कॉमिक टाइमिंग और डांस मूव्स ने उन्हें 90s का सुपरस्टार बना दिया था। लेकिन जैसे-जैसे 2000 का दौर आया, फिल्मों का ट्रेंड भी बदलने लगा। नए एक्टर्स, नई कहानियां और नए तरीके की फिल्मों के बीच गोविंदा की फिल्में उतना असर नहीं छोड़ पाईं।