Sport Inspirational Korean Drama: ये है 5 बेस्ट स्पोर्ट्स थीम बेस्ड के-ड्रामा, जो जीत लेंगे आपका दिल

Sport Inspirational Korean Drama

कोई भी चीज एक अच्छे स्पोर्ट्स ड्रामा से ज्यादा जोश नहीं भरती, फिर चाहे बात फुटबॉल की हो, बैडमिंटन की, बेसबॉल, सॉकर या फिर तैराकी की। खेल का नाम जो भी हो, लेकिन जब दिल से खेली गई कहानी परदे पर उतरती है, तो हर सीन में ऐसा लगता है जैसे हम खुद उस मैदान का हिस्सा हैं।

खास बात ये है कि स्पोर्ट्स ड्रामा को एंजॉय करने के लिए आपको खुद खिलाड़ी होने की जरूरत नहीं होती। ना ही ये जरूरी है कि आपको खेलों में खास इंटरेस्ट हो। ये सीरीज या फिल्में इतनी इमोशनल, इंस्पायरिंग और रिलेटेबल होती हैं कि देखने वाला खुद को उसमें खो देता है।

कई बार ऐसा लगता है जैसे रील और रियल की लाइन ही मिट गई हो। हर सीन के साथ जब खिलाड़ी मैदान में उतरता है, तो हमारे दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है। आखिरी पॉइंट, गोल या स्ट्राइक का इंतज़ार इतना रोमांचक होता है कि शरीर में एक अलग ही एड्रेनालाईन रश महसूस होता है। तो चलो, अब गेम ऑन करते हैं और जानते हैं उन 5 शानदार स्पोर्ट्स-थीम वाले के-ड्रामा के बारे में जो ना सिर्फ आपका दिल छू लेंगे, बल्कि हंसाएंगे, रुलाएंगे और साथ ही जिंदगी के कुछ जरूरी सबक भी सिखाएंगे।

Twenty-Five Twenty-One

ट्वेंटी फाइव ट्वेंटी वन सीरीज की शुरुआत मिन चाए नाम की एक जिज्ञासु लड़की से होती है, जो अपनी माँ ना ही डो की पुरानी डायरियां और मैगज़ीन पढ़ते हुए एक अलग ही समय में चली जाती है 90 के दशक के उस दौर में, जब हर चीज बदल रही थी। ना ही डो उस समय एक यंग, पैशनेट और डिटरमाइन्ड तलवारबाज थी, जो अपनी मेहनत और हिम्मत के दम पर देश के लिए खेलने का सपना देख रही थी।

उसकी सबसे बड़ी प्रेरणा और अब की प्रतिद्वंद्वी गो यू रिम को हराने का जूनून उसमें कुछ कर दिखाने की आग भर देता है। दूसरी तरफ है बेक यी जिन एक गंभीर और ज़िम्मेदार लड़का, जो आर्थिक मंदी के बाद खुद को और अपने परिवार को दोबारा खड़ा करने में जुटा है।

ही डो और यी जिन का मिलना एकदम नॉर्मल नहीं होता, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच जो बॉन्ड बनता है, वो बहुत खास होता है। ही डो का खुला और थोड़ा बेकाबू नेचर, यी जिन के शांत और सोच-समझकर बोलने वाले स्वभाव से टकराता नहीं, बल्कि दोनों एक-दूसरे को पूरा करते हैं।

“Twenty-Five Twenty-One” सिर्फ एक लव स्टोरी नहीं है। ये उन सारी फीलिंग्स का मेल है जो हम अपने यंग एज में महसूस करते हैं पहला प्यार, टूटते हुए सपने, दोस्ती की गर्माहट और जिंदगी को लेकर नई उम्मीदें। किम ताए री और नाम जू ह्युक ने अपने किरदारों को इतने असली तरीके से निभाया है कि वो सिर्फ एक्टर्स नहीं लगते, बल्कि आपके अपने जैसे लोग महसूस होते हैं।

Fight For My Way

डोंग मैन की कहानी हर उस इंसान से जुड़ती है जिसने कभी अपने सपनों को खोने का दर्द महसूस किया हो। एक वक्त था जब वो ताइक्वांडो और मार्शल आर्ट का स्टार था, लेकिन एक बड़ी हार ने उसके पूरे आत्मविश्वास को तोड़कर रख दिया। उसने लड़ाई का मैदान छोड़ दिया और अपने गोल्स को पीछे छोड़ दिया।

उसकी सबसे करीबी दोस्त चोई ऐ रा, जो बाद में उसकी गर्लफ्रेंड बनती है, एक न्यूज एंकर बनने का सपना देखती है। हालांकि वो डोंग मैन से बहुत प्यार करती है, लेकिन चाहती है कि वो दोबारा फाइटिंग में न जाए क्योंकि उसे उसकी सेहत और सुरक्षा की चिंता होती है। लेकिन डोंग मैन जानता है कि खुद को दोबारा साबित करने का यही एक मौका है।

उसे सिर्फ एक मैच जीतना है खुद के लिए, अपने खोए हुए आत्म-सम्मान के लिए। और यहीं से शुरू होती है असली जंग सिर्फ रिंग में नहीं, बल्कि अपने डर और कमजोरियों से लड़ने की भी। “Fight For My Way” सिर्फ एक ड्रामा नहीं है, ये उन लोगों की कहानी है जो अपनी आम जिंदगी में भी कुछ बड़ा करने का सपना देखते हैं।

ये शो MMA चैंपियन चू सुंग हून और उनकी पत्नी, मॉडल यानो शिहो की रियल लाइफ से इंस्पायर है। राइटर लिम सांग चुन ने इनकी लाइफ से प्रेरणा लेकर दिखाया है कि एथलीट्स और उनके परिवार किन हालातों से गुजरते हैं।

इस शो का सबसे खास हिस्सा है इसका यथार्थ इसमें कोई दिखावा नहीं है, सिर्फ स्ट्रगल, हार, और फिर खुद को खड़ा करने की असली कहानी है। पार्क सेओ जून ने डोंग मैन का किरदार बड़े ही सिंपल और रियल तरीके से निभाया है, जबकि किम जी वोन ऐ रा के रोल में एक दमदार, लेकिन दिल से जुड़ी हुई लड़की का रोल निभाती हैं। इनकी केमिस्ट्री इतनी नेचुरल है कि आप इन्हें देखते हुए खुद को इनसे जुड़ा महसूस करते हो।

Weightlifting Fairy Kim Bok Joo

वेटलिफ्टिंग फेयरी किम बोक जू एक ऐसी लड़की की कहानी है जो ताकतवर भी है और दिल की बहुत प्यारी भी। किम बोक जू (ली सुंग क्यूंग) एक वेटलिफ्टर है जो अपने गेम में जबरदस्त है, मगर दिल से वो बिल्कुल एक मासूम सी लड़की है जिसे खाने से बहुत प्यार है।

दूसरी तरफ है जून ह्युंग (नाम जू ह्युक), जो एक टैलेंटेड स्विमर है और बचपन से ही बोक जू को जानता है। कॉलेज में जब ये दोनों फिर से मिलते हैं, तो उनकी दोस्ती धीरे-धीरे एक खूबसूरत प्यार में बदल जाती है। इस शो की खास बात ये है कि ये सिर्फ़ रोमांस तक सीमित नहीं है।

इसमें दिखाया गया है कि एक एथलीट की जिंदगी कितनी मुश्किल होती है। चाहे वो प्रैक्टिस का प्रेशर हो, परफॉर्मेंस की टेंशन हो या फिर बॉडी इमेज से जुड़ी परेशानियां ये सब कुछ बहुत रियल तरीके से दिखाया गया है।

बोक जू जब अपने क्रश के चलते खुद को बदलने की कोशिश करती है, तो वो एक ऐसी लड़ाई में उलझ जाती है जो किसी भी स्पोर्ट्स पर्सन के लिए बहुत मुश्किल होती है खुद को ही नकार देना। लेकिन उसकी इस जर्नी में जून ह्युंग हमेशा उसके साथ रहता है, उसे समझता है, सपोर्ट करता है और यही उनकी बॉन्डिंग को और मजबूत बनाता है।

ली सुंग क्यूंग ने बोक जू के किरदार को इतने नेचुरल अंदाज़ में निभाया है कि वो सीधे दिल में उतर जाती हैं। नाम जू ह्युक के साथ उनकी केमिस्ट्री इतनी फ्रेश और रिलेटेबल लगती है कि आप उन्हें बार-बार देखना चाहेंगे।

High School King Of Savvy

ली मिन-सोक एक आम हाई स्कूल स्टूडेंट है, लेकिन जब बात आती है आइस हॉकी की, तो वो अपनी स्कूल टीम का स्टार प्लेयर है। लेकिन उसकी जिंदगी एकदम पलट जाती है जब उसके बड़े भाई, जो एक बड़ी कंपनी में डायरेक्टर हैं, अचानक गायब हो जाते हैं। मज़े की बात ये है कि मिन-सोक बिल्कुल अपने भाई जैसा दिखता है।

अब हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि उसे अपने भाई की जगह उस कंपनी में काम करना पड़ता है और वो भी बिना किसी को बताए कि वो असली में कौन है, जब वो ऑफिस जाता है, तो उसकी मुलाकात होती है जंग सू-यंग से, जो वहीं काम करती है। पहले तो सब कुछ अजीब लगता है, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच एक अलग ही केमिस्ट्री बनने लगती है।

मिन-सोक की ये डबल लाइफ कई बार कॉमेडी क्रिएट करती है और कई बार इमोशनल भी कर देती है। शो में हॉकी भले ही ज़्यादा न दिखे, लेकिन कहानी इतनी मज़ेदार है कि आप बोर नहीं हो सकते। रोमांस, ह्यूमर और ट्विस्ट से भरा ये ड्रामा हर एपिसोड के साथ आपको और ज़्यादा जोड़ता चला जाता है।

Run On

अगर आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि आप दूसरों से तो प्यार कर लेते हैं, लेकिन खुद से नहीं कर पाते, तो “Run On” आपको झकझोर देगा। इस K-drama की शुरुआत होती है सेन ग्योम से, जो एक फेमस चैंपियन धावक है। बाहर से सब कुछ परफेक्ट दिखता है, लेकिन अंदर ही अंदर वो खुद को पहचानने की कोशिश कर रहा है।

सेन ग्योम एक ऐसा इंसान है जो अपने उसूलों पर चलता है। भले ही टीम के लोग उससे नफरत करें या सिस्टम उसे बाहर कर दे, वो गलत के खिलाफ खड़ा होता है। दौड़ना उसका करियर है, लेकिन वो खुश नहीं है। असल में, वो दूसरों की मदद करना चाहता है, उन लोगों को ट्रेन करना चाहता है जिनके पास टैलेंट तो है, लेकिन मौके नहीं।

इसी सफर में उसकी मुलाकात होती है ओह मी जू से, जो एक फिल्म अनुवादक है। वो भी किसी हीरो से कम नहीं। ऑफिस में gender bias को झेलते हुए भी वो खुद के लिए आवाज उठाती है। मी जू से मिलकर सेन ग्योम पहली बार खुद की फीलिंग्स को समझ पाता है और ये decide करता है कि उसे क्या करना है। आखिरकार, वो धावक की जिंदगी छोड़कर स्पोर्ट्स एजेंट बनता है एक ऐसा काम जिससे उसे सुकून मिलता है।

कहानी में सेओ डैन आह भी है, जो एक सख्त CEO है लेकिन अंदर से अकेली है। उसने फुटबॉलर बनने का सपना छोड़ दिया, लेकिन अब वो असली रिश्तों की तलाश में है। वहीं ली यंग ह्वा, एक खुशमिजाज आर्ट स्टूडेंट है, जो इन सबकी जिंदगी में रंग भर देता है।

इस शो में सिर्फ प्यार की बात नहीं होती, बल्कि बहुत सारे जरूरी मुद्दों पर भी रोशनी डाली गई है। जैसे कि पैरेंट्स का दबाव, समाज का judgment, bullying, class divide और same-gender relationships जैसी बातें, जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

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