Indian Ordnance Production Day 2025 In Hindi : भारतीय आयुध निर्माणी एक भव्य औद्योगिक संरचना है, जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत काम करती है। भारतीय आयुध निर्माणी 39 निर्माणियों, 9 प्रशिक्षण संस्थान तीन क्षेत्रीय विपणन केंद्र और चार क्षेत्रीय संरक्षण नियंत्रण वालों का समूह है। इन आयुक्त निर्माणी बोर्ड भारतवर्ष में फैली 39 निर्माणियों के साथ प्रदान करता है।
भारतीय आयुध निर्माणियां रक्षा मंत्रालय के उत्पादन विभाग के अधीन सुरक्षा उपकरणों टैंक को छोटे हथियारों का उत्पादन करती है। यह जल, थल तथा वायु प्रणालियों के व्यापक उत्पादन में उत्पादों का उत्पादन प्रशिक्षण अनुसंधान विकास एवं उनका विक्रय करती है। भारतीय सशस्त्र सेना इनके प्रमुख ग्राहक है, लेकिन यह अन्य उपभोक्ताओं की मांगों को भी पूरा करती है। जैसे गोला बारूद, बुलेट प्रूफ वाहन, वस्त्र, सुरंग प्रतिरोधी वाहन आदि।
आयुष कारखाने रक्षा, हार्डवेयर और उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के लिए एकीकृत आधार बनाते हैं, जिसका पहला मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों को अंत्य आधुनिक युद्ध उपकरणों से सुसज्जित करने में आत्मनिर्भरता लाना है। ऐसे में हमारे देश में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के महत्व और उनके योगदान के प्रति सम्मान और लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 18 मार्च को ‘भारतीय आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं ‘भारतीय आयुध निर्माण दिवस’ के इतिहास, महत्व और थीम के बारे में सारी डिटेल्स –

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (AFB) क्या है ?
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (AFB) को भारत की रक्षा की चौथी शाखा या सशस्त्र बलों के पीछे की शक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त है। भारत का आयुध फैक्ट्री बोर्ड दुनिया का 37वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण निर्माता है। भारत में आयुध निर्माण की शुरुआत 300 वर्षों से भी पहले हो चुकी थी। जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने गुनपाउडर फैक्ट्री स्थापित की थी। वह एफबी का संचालन रक्षक मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के द्वारा किया जाता है, जो इसे भारत की रक्षा क्षेत्र में मुख्य स्थान प्रदान करता है।
भारतीय आयुध कारखाने स्थल वायु नौसेना तीनों भारतीय सशस्त्र बलों को हथियार और रक्षा और उपकरण प्रदान करते हैं।ऑफ आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है, जिसे आयुध भवन के नाम से जाना जाता है। इस सेक्टर में 80000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है, जो भारत की रक्षा क्षेत्र के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
भारतीय आयुध निर्माण दिवस कब मनाया जाता है ?
बता दें कि हर साल 18 मार्च को ‘भारतीय आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) मनाया जाता है। यह दिन देश की रक्षा जरूरत के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का दिन है। ये दिन AFB की तकनीकी प्रगति और अभिनव भावना को प्रदर्शित करने का का अवसर है।
विभिन्न कारखानों में परेड प्रदर्शनिया और पुरस्कार समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें हथियारों और उत्पादन प्रक्रिया में नवीनतम विकास को प्रदर्शित किया जाता है। रक्षा उपकरण निर्माता के सपोर्ट को सम्मानित करने के लिए हर साल 18 मार्च को आयुध निर्माण दिवस मनाया जाता है।
Indian Ordnance Production Day History
दरअसल, ‘आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) पहली बार 18 मार्च 1801 में मनाया गया था। (AFB) ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड भारत की रक्षा उत्पादन को मैनेज करता था, जो साल 1979 में स्थापित किया गया। भारत में आयुध निर्माण का इतिहास 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू हुआ था। साल 1775 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ब्रिटिश भारतीय सेवा की जरूरत को पूरा करने के लिए कोलकाता के पास ईसापुर में एक गन पाउडर फैक्ट्री की स्थापना की।
साल 1801 में ब्रिटिश सरकार ने इसे अपने प्रत्यक्ष नियंत्रण में लेते हुए कोलकाता के कोशीपुर में भारत की पहली आयुध फैक्ट्री के रूप में विकसित किया। इसके बाद भारत में हथियार और गोला बारूद के स्वदेशी उत्पादन की नींव रखी गई जो बाद में देश की रक्षा आत्मनिर्भरता का आधार बनी।
इसके बाद ‘आयुध निर्माण दिवस’ को 18 मार्च 1801 को पहली बार मनाया गया, जो कोलकाता के कोशीपुर में स्थित भारत की पहली आयुक्त फैक्ट्री की स्थापना का प्रतीक है। तब से लेकर वर्तमान काल तक हर साल 18 मार्च को ‘भारतीय आयुध निर्माण दिवस’ मनाया जाता है। ‘भारतीय आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) उस ऐतिहासिक क्षण को चिन्हित करने के लिए हर साल मनाया जाता है, जब देश की पहली आयुक्त फैक्ट्री स्थापित की गई थी। साथ हीं यह दिन भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

Indian Ordnance Production Day Importance
राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका आयुक्त कारखाने भारतीय रक्षा ढांचे का अभिन्न अंग माना जाता है। साथ ही देश की सीमाओं को भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। भारतीय सशस्त्र बलों को सैन्य उपकरण और हथियार प्रदान करने कर उनकी रक्षा सुनिश्चित करने का काम आयुध के द्वारा होता है। ‘आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को दर्शाता है और भविष्य में देश की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने में आयुध कारखाने की भूमिका को पहचानने का अवसर भी प्रदान करता है।
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रोजगार और आर्थिक विकास यह कारखाने देश भर में हजारों लोगों को रोजगार देते हैं। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी में भी वृद्धि करते हैं। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ने से आयात पर निर्भरता कम होती है और स्वदेशी उद्योगो को भी बढ़ावा मिलता है। यह दिन भारत की आयुध निर्माण के योगदान को मान्यता देता है, जो छोटे हथियारों, गोला, बारूद टैंक और मिसाइल प्रणालियों के साथ कई रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
‘आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) आयुध कारखाने के कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने का अवसर होता है। साथ ही यह भारतीय सशस्त्र बलों के वीर सैनिकों के द्वारा किए गए बलिदान को याद करने का भी मुख्य अवसर माना जाता है।
Indian Ordnance Production Day Celebration
आपको बता दें कि ‘आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) को पूरे देश में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को इंगित करता है। साथ ही आयुध कारखाने के योगदान को सम्मान देने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
- इस दिन समस्थानिक समारोह आयुक्त कारखाने में झंडा, रोहण और रक्षा उपकरणों की प्रस्तुति की जाती है।
- गोला बारूद राइफल और अन्य सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिससे कर्मचारी और आम जनता को रक्षा उत्पादन की जानकारी प्राप्त होती है।
- इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण और कर्मचारियों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है, जिससे उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक मंच मिलता है।
- भारत सरकार और एसबी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के द्वारा इस दिन कई आधिकारिक कार्यक्रम को को आयोजित किया जाता है जिनमें सेमिनार वर्कशॉप्स और प्रदर्शनी शामिल होते हैं।
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- आयुध निर्माण दिवस के दिन कार्य युक्त कारखाने के कर्मचारियों को उनके देश की सुरक्षा के लिए किए गए विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है। गौरवपूर्ण सम्मान के साथ ही कर्मचारियों के बीच समर्पण और गर्व की भावना को भी बढ़ावा दिया जाता है।
- इस दिन आयुध निर्माणियों की उपलब्धियां को उजागर किया जाता है और देश की जनता जो सुरक्षाकर्मियों से अनजान है, उन्हें इससे अवगत कराया जाता है। साथ ही भारत की रक्षण निर्भरता को बढ़ावा देने के लिए इससे संबंधित लक्षणों पर चर्चा की जाती है।

Indian Ordnance Production Day 2025 Theme
हर साल ‘भारतीय आयुध निर्माण दिवस’ (Indian Ordnance Production Day 2025) की एक थीम निश्चित की जाती है, जो विशेष तौर पर देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है। फिलहाल इस साल ‘आयुध निर्माण दिवस 2025’ की थीम के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन ‘आयुध निर्माण दिवस 2024’ की थीम सामुद्रिक क्षेत्र में परिचालन दक्षता और मिशन उपलब्धि रखी गई थी।
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