Central Excise Day 2025 Theme : आप सभी ये जरुर सोचते होंगे कि आखिर हमारे देश में बनने वाले सामानों पर टैक्स क्यों लगाया जाता है? या फिर सरकार को इसके लिए पैसा कैसे मिलता है और इसका इस्तेमाल कहां होता है? जी हां, ये सवाल लाखों-करोड़ों भारतीयों के मन में होंगे, लेकिन जवाब बहुत कम लोग हीं जानते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन सबका जवाब जुड़ा है केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty) से। इसी से सरकार को पैसा मिलता है, जिससे अलग-अलग योजनाएं और सेवाएं हर साल शुरू की जाती हैं।
ऐसे में इसे याद रखने के लिए हर साल 24 फरवरी को ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ (Central Excise Day) के रुप में सेलिब्रेट किया जाता है। ये दिन इसलिए सेलिब्रेट किया जाता है ताकि इस कर प्रणाली की अहमियत को समझाया जा सके और इसमें काम करने वाले अधिकारियों को सम्मान दिया जा सके। तो आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ (Central Excise Day 2025 Theme) के इतिहास, महत्व और इस साल की थीम के बारे में सारी डिटेल्स –
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Why Central Excise Day Is Celebrated?
‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ मुख्य रूप से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अधिकारियों को सम्मान देने और उनके योगदान को सराहने के लिए मनाया जाता है। ये अधिकारी देश में उत्पाद शुल्क की व्यवस्था को ठीक से लागू करने, भ्रष्टाचार को रोकने और सरकार के लिए राजस्व संग्रह करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आपको बता दें कि 24 फरवरी 1944 को भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम लागू हुआ था और इसी की याद में हर साल 24 फरवरी को ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ (Central Excise Day 2025 Theme) मनाया जाता है। यह कानून देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए लाया गया था।
Central Excise Day Importance
आपको बता दें कि भारत के विकास में केंद्रीय उत्पाद शुल्क का बहुत बड़ा योगदान है। इससे मिलने वाला राजस्व सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में खर्च करती है। यह कर प्रणाली देश के औद्योगिक विकास में भी मदद करता है और गरीबी, अशिक्षा और असमानता को कम करने में योगदान देता है।
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History Of Central Excise Day In India
भारत में ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ (Central Excise Day 2025 Theme) का इतिहास ब्रिटिश शासन से शुरू हुआ था। दरअसल, भारत में ब्रिटिश सरकार ने साल 1855 में उत्पाद शुल्क प्रणाली की शुरुआत की थी। बाद में साल 1944 में इसे एक कानून का रूप दिया गया। समय के साथ इस कानून में कई बदलाव किए गए और साल 1973 में अधिकारियों को टैक्स चोरी करने वालों को गिरफ्तार करने की शक्ति दी गई।
इसके बाद साल 2013 में ये शक्ति सेवा कर (Service Tax) मामलों में भी लागू कर दी गई। अंत में साल 2017 में जब देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू हुआ, तो उत्पाद शुल्क केवल पेट्रोलियम और शराब उत्पादों तक सीमित रह गया।
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Central Excise Day 2025 Theme
बता दें कि हर साल ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ (Central Excise Day 2025 Theme) को सेलिब्रेट करने के लिए एक खास थीम निर्धारित की जाती है, जो सरकार द्वारा घोषित की जाती है। साल 2025 के लिए ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ की थीम अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन जैसे ही थीम घोषित होगी, इसे अपडेट किया जाएगा।
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Central Excise Day Quotes
“सपना सिर्फ अमीर बनने का नहीं, बल्कि सफल बनने का देखना चाहिए। सफलता से आत्मविश्वास और पहचान मिलती है।”
“आइए, भारत को समृद्ध बनाने के लिए एकजुट होकर काम करें।”
“सरकार लोगों का विकल्प नहीं होती, बल्कि वह एक माध्यम होती है जिससे हम अपने लक्ष्य पूरे करते हैं।”
“अगर टैक्स को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया जाए, तो इससे तस्करी बढ़ सकती है।”
“हमारी नीतियां अलग हो सकती हैं, लेकिन ईमानदारी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।”
Why Central Excise Day Is Important ?
‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस’ (Central Excise Day 2025 Theme) भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले अधिकारियों और कर प्रणाली के महत्व को पहचानने का दिन है। यह न केवल सरकार को जरूरी फंड मुहैया कराता है, बल्कि देश के विकास और लोगों की भलाई में भी योगदान देता है। इस दिन हमें कर भुगतान की अहमियत को समझना चाहिए और ईमानदारी से अपने देश के विकास में सहयोग देना चाहिए।