World Rainforests Day 2025 In Hindi : हर साल 22 जून को मनाया जाने वाला ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) हमें याद दिलाता है, कि धरती के सबसे समृद्ध और ज़रूरी इकोसिस्टम्स में से एक वर्षावनों यानि रेनफॉरेस्ट को बचाना ही अब हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह दिन सिर्फ पेड़ों के बारे में नहीं है, बल्कि उन लाखों जीवों, आदिवासी समुदायों और जलवायु संतुलन के बारे में है, जो इन जंगलों पर निर्भर हैं।
वर्षावन न सिर्फ हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड को सोखकर ग्लोबल वॉर्मिंग को भी कम करने में मदद करते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को वनों की अवैध कटाई, जमीन का अत्यधिक उपयोग, और बढ़ता शहरीकरण इन जंगलों को खत्म कर रहा है, इस सभी के बारे में जागरूक करना है। जब हम पेड़ काटते हैं, तो सिर्फ जंगल नहीं जाते पानी, हवा, मौसम और इंसानी जीवन सब प्रभावित होता है।
क्या है ‘विश्व वर्षावन दिवस’ ?
आपको बता दें कि ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) हर साल 22 जून को दुनियाभर में मनाया जाता है, जो हमें रेनफॉरेस्ट यानी वर्षावनों की अहमियत को समझने का मौका देता है। ये दिवस हमें याद दिलाता है कि ये सिर्फ जंगल नहीं हैं, बल्कि धरती के सबसे पुराने और जैविक रूप से समृद्ध इकोसिस्टम हैं, जो हमारी ज़िंदगी से गहराई से जुड़े हुए हैं। वर्षावन धरती की जलवायु को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ये कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं, ऑक्सीजन छोड़ते हैं और ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये जंगल करोड़ों तरह के पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों का घर हैं, जिनमें से कई हमें दवाएं, खाना और दूसरे ज़रूरी संसाधन देते हैं।
बता दें कि ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) का उद्देश्य लोगों को ये बताना है, कि अगर इन जंगलों को यूं ही काटा गया या नुकसान पहुँचाया गया, तो इसका असर सिर्फ पर्यावरण पर नहीं, बल्कि हमारे भविष्य पर भी पड़ेगा। ये दिन हमें याद दिलाता है, कि वनों का संरक्षण सिर्फ सरकार या संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की साझी ज़िम्मेदारी है।
‘विश्व वर्षावन दिवस’ का इतिहास
हम सभी जानते हैं, कि वर्षावन दुनिया के सबसे पुराने और ज़रूरी इकोसिस्टम्स में से एक हैं। यही वजह है, कि इन्हें बचाना बहुत ज़रूरी है। इसी कारण से ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) मनाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन को पहली बार 2017 में मनाया गया, और इसे रेनफॉरेस्ट पार्टनरशिप नाम के एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन ने शुरु किया था। ये संगठन ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम करता है, जो रेनफॉरेस्ट को बचाने और वहां रहने वाले स्थानीय लोगों को सशक्त बनाने का काम करते हैं।
इसके कुछ साल बाद 2021 में विश्व रेनफॉरेस्ट दिवस अधिवेशन की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों और संगठनों को एक साथ लाना था, ताकि वे वर्षावन के भविष्य को लेकर बातचीत कर सकें, आइडियाज शेयर कर सकें और मिलकर एक बेहतर प्लान बना सकें। इस तरह ये दिन सिर्फ एक जागरूकता दिवस नहीं, बल्कि एक वैश्वक आंदोलन बन चुका है, जो प्रकृति और इंसानों के रिश्ते को और मजबूत बनाता है।
क्यों मनाया जाता है ‘विश्व वर्षावन दिवस’ ?
दरअसल, जब भी हम प्रकृति की बात करते हैं, तो पेड़-पौधों का जिक्र ज़रूर आता है, लेकिन वर्षावन सिर्फ पेड़ों का जंगल नहीं होते, ये हमारी धरती की लाइफ सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करते हैं। वर्षावनों से हमें न सिर्फ ऑक्सीजन मिलती है, बल्कि ये कार्बन डाइऑक्साइड को भी सोख लेते हैं, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
साथ ही ये जंगल लाखों जानवरों और पौधों की प्रजातियों का घर हैं, जिनमें से कई तो कहीं और पाए ही नहीं जाते लेकिन आज ये वर्षावन लगातार कटाई, खनन और खेती की वजह से खतरे में हैं। यही वजह है, कि ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) हमें याद दिलाता है, कि इन जंगलों को बचाना हमारी ज़िम्मेदारी है।
कैसे मना सकते हैं ‘विश्व वर्षावन दिवस’ ?
इस दिन को मनाने का तरीका बहुत अलग-अलग हो सकता है, लेकिन उद्देश्य सबका एक ही होता है, जागरूकता बढ़ाना और एक्शन लेना।
- इस दिन कई स्कूल और कॉलेज इस दिन खास एक्टिविटीज रखते हैं, जैसे पोस्टर मेकिंग, ट्री प्लांटेशन या ऑनलाइन सेमिनार।
- इसके साथ हीं ‘विश्व वर्षावन दिवस’ के दिन सोशल मीडिया पर भी लोग इस दिन को लेकर पोस्ट करते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें।
- वहीं कुछ लोग इस दिन छोटे-छोटे कमिटमेंट लेते हैं, जैसे पेड़ लगाना, प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना या फिर किसी एनवायरनमेंटल ग्रुप से जुड़ना।
‘विश्व वर्षावन दिवस’ का महत्व
हर साल जब ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) मनाया जाता है, तो इसका उद्देश्य केवल एक दिन सेलिब्रेट करना नहीं होता, बल्कि लोगों को ये समझाना होता है कि वर्षावन हमारे लिए बहुत ज़रूरी हैं। वर्षावनों को अक्सर पृथ्वी के फेफड़े कहा जाता है। ये इसलिए क्योंकि ये जंगल हवा से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हमें ऑक्सीजन देते हैं, जो हमें हर सांस में चाहिए होती है।
इतना ही नहीं ये ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने में भी मदद करते हैं। इन जंगलों में दुनिया की सबसे ज़्यादा जैव विविधता पाई जाती है। यानी लाखों तरह की प्रजातियां जानवर, पौधे, कीड़े, और कई ऐसे जीव जो कहीं और नहीं मिलते। ‘विश्व वर्षावन दिवस’(World Rainforests Day 2025) का उद्देश्य इन सबको बचाने के लिए लोगों को जागरूक करना है।
वर्षावन सिर्फ ऑक्सीजन ही नहीं देते, बल्कि हमें शुद्ध पानी, उपजाऊ मिट्टी और ज़रूरी संसाधन भी मिलते हैं, जैसे लकड़ी, दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले पौधे और खाने के कई स्रोत। अगर ये इकोसिस्टम खत्म हो जाएंगे, तो इंसानी जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।
दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण वर्षावन
जब हम वर्षावनों की बात करते हैं, तो ज़्यादातर लोगों को सिर्फ अमेजन वर्षावन याद आता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं, कि दुनिया में कई और ऐसे विशाल और अनमोल वर्षावन हैं जो धरती की सेहत के लिए बहुत अहम हैं।
अमेज़न वर्षावन – ये दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन है, जो साउथ अमेरिका के 9 देशों में फैला हुआ है। इसे पृथ्वी का फेफड़ा कहा जाता है क्योंकि ये अकेले ही दुनिया की बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पैदा करता है।
सुंदरलैंड वर्षावन – जो साउथईस्ट एशिया के हिस्सों जैसे इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड में फैला है। यहाँ कई दुर्लभ जानवर जैसे ऑरंगुटान और टाइगर पाए जाते हैं।
कांगो वर्षावन – ये अफ्रीका का सबसे बड़ा वर्षावन है और बायोडायवर्सिटी के मामले में ये भी काफी रिच है। ये इकोसिस्टम वहाँ के लोगों की ज़िंदगी और जलवायु दोनों को संतुलित रखता है।
अटलांटिक वर्षावन – ये साउथ अमेरिका के ब्राज़ील, अर्जेंटीना और पैराग्वे तक फैला है। ये वर्षावन कभी अमेजन जितना बड़ा था लेकिन आज इसका काफी हिस्सा खत्म हो चुका है। फिर भी ये इकोसिस्टम आज भी कई अनोखी प्रजातियों का घर है।