World Homoeopathy Day 2025 In Hindi : आज के समय में मानों लोगों का जीवन जैसे दवाईयों पर ही निर्भर हो गया हों। ये एक तरह से गलत भी नहीं है, क्योंकि आज बिमारियां हीं इतनी ज्यादा बढ़ रही हैं कि लोगों को अलग-अलग दवाइयों का सहारा लेना पड़ रहा है। लोग कई तरह की दवाइयों का सहारा लेते तों है, जिनमें से कई काम करती हैं, लेकिन इनमें से कई दवाईयों के कई सारें साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। हालांकि इन साइड इफेक्ट्स से बचकर भी यदि लोगों का इलाज संभव है, तो वो है होम्योपैथी के द्वारा।
दरअसल, होम्योपैथी एक ऐसी दवा है, जिसके साइड इफेक्ट्स ना के बराबर होते हैं। ये एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो मानती है कि हमारा शरीर खुद भी कई बीमारियों से लड़ने की ताकत रखता है। कोरोना महामारी के बाद से होम्योपैथी को लेकर लोगों का रुझान और भी बढ़ गया है। इसका कारण था कम साइड इफेक्ट, नेचुरल दवाएं और लंबा ट्रीटमेंट, जो जड़ से इलाज करने की कोशिश करता है।
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ऐसे में होम्योपैथी के इसी महत्व को उजागर करने और लोगों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए हर साल 10 अप्रैल क दुनियाभर में ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ (World Homoeopathy Day 2025) मनाया जाता है। इसके अलावा इस दिन को इसलिए भी हर साल सेलिब्रेट किया जाता है, क्योंकि 10 अप्रैल को डॉ. हैनीमैन की जयंती है, जिन्हें होम्योपैथी का फाउंडर कहा जाता है।

World Homoeopathy Day History
चिकित्सा के इस प्रणाली यानी होम्योपैथी की शुरुआत 1700 के अंत में जर्मनी से हुई थी। इसे डॉ. सैमुअल हैनीमैन ने विकसित किया था और आज भी यूरोप के कई देशों में इसे फॉलो किया जाता है। भारत में भी लाखों लोग इस पद्धति पर भरोसा करते हैं, खासकर क्रॉनिक बीमारियों के इलाज के लिए।
होम्योपैथी की सबसे खास बात यह है कि इस चिकित्सा प्रणाली में लंबे समय तक दवाइयों के सेवन के बावजूद कोई साइड इफेक्ट्स का खतरा नहीं रहता। इसी वजह से हर साल 10 अप्रैल को ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ (World Homoeopathy Day 2025) मनाया जाता है और इसकी वजह भी खास है—ये तारीख डॉ. हैनीमैन की जयंती है, जिन्हें होम्योपैथी का फाउंडर कहा जाता है।

Who Is Father Of Homeopathy?
हैनीमैन के बारें में बात करें तो वो एक जर्मन डॉक्टर और केमिस्ट थे। वो उन दवाओं के खिलाफ थे जो शरीर पर बुरा असर डालती थीं। उन्होंने ऐसी पद्धति की खोज की जिसमें इलाज तो हो, लेकिन शरीर को नुकसान ना पहुंचे। इसी सोच से होम्योपैथी जन्मी।
World Homoeopathy Day 2025 Theme
‘विश्व होम्योपैथी दिवस 2025’ (World Homoeopathy Day 2025) की थीम अभी तक घोषित नहीं हुई है, लेकिन 2024 की थीम “होम्योपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार” (Homeoparivar: One Health, One Family) थी। इस थीम का मकसद है होम्योपैथी को पूरे परिवार की हेल्थ के लिए उपयुक्त विकल्प के तौर पर प्रमोट करना थी।

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World Homoeopathy Day Importance
‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ (World Homoeopathy Day 2025) को मनाने पीछे का सबसे बड़ा मकसद यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस इलाज पद्धति के बारे में जानें और इसे अपने जीवन में अपनाएं। खासकर तब, जब हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां नेचुरल और सस्टेनेबल हेल्थ ऑप्शन्स की डिमांड बढ़ रही है।
Note: अगर आपको होम्योपैथी से जुड़ी कोई बीमारी या कन्फ्यूजन है, तो किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।