World Sparrow Day 2025 In Hindi : गौरेया पक्षियों के ऐसे वंश की एक जीव वैज्ञानिक स्पीशीज है, जो दुनिया भर के अधिकांश भागों में पाई जाती है। शुरुआत में यह एशिया भूमध्य सागर के तटवर्ती क्षेत्रों और यूरोप में पाई जाती थी, लेकिन मानव जाति ने इसे दुनियाभर में फैला दिया है। शहरी इलाकों में गौरैया की 6 तरह की स्पीच क्षेत्र की स्पीशीज पाई जाती है, जिसमें हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सेंट स्पैरो, रिसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्राई स्पैरो शामिल हैं। ये सुंदर चिड़िया गांव में अधिकतर पाई जाती है। गौरैया एक छोटी चिड़िया है, जो लगभग सभी तरह की जलवायु में रहना पसंद करती है।
हालांकि बीते कुछ सालों में गौरैया की संख्या में तेजी से गिरावट देखने को मिली है, जो एक चिंता का विषय बन गया है। खासतौर पर शहरी इलाकों में काफी तेजी से गौरैया की संख्या कम होती जा रही है, जिसके की कारण हो सकते हैं। ऐसे में गौरैया की रक्षा और उससे संबंधित चुनौतियां के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 20 मार्च को दुनियाभर में ‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) मनाया जाता है। तो आइए आज इस आर्टिकल में जानते हैं ‘विश्व गौरैया दिवस’ के बारे में सारी डिटेल्स –

Reasons For Extinction Of Sparrows
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से शहरों में गौरैया की संख्या कम होती जा रही है, जिसके कई मुख्य कारण हैं –
- आधुनिक स्थापत्य की बहुमंजिली इमारत में गौरैया को रहने के लिए पुराने घरों की तरह जगह नहीं मिल पाती, जिसकी वजह से उनकी संख्या में कमी देखने को मिल रही है।
- सुपरमार्केट संस्कृति के कारण पुरानी दुकान घट रही हैं, जिससे गौरैया को खाने के लिए दाना नहीं मिलता।
- मोबाइल टावरों से निकलने वाली तरंगें गौरैया के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। ये तरंगे चिड़िया को दिशा खोजने वाली प्रणाली को प्रभावित करती हैं।
- टावरों से निकलने वाली रेडिएशन से गौरैया की प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक असर होता हैं, जिसके परिणाम स्वरुप शहरों में गौरैया की प्रजाति तेजी से विलुप्त हो रही है।
- गौरैया को घास के बीच रहना काफी घास के बीज पसंद होते हैं, जो शहरों की अपेक्षा गांव में अधिक पाए जाते हैं। यही कारण है कि आज के समय में गौरैया की ज्यादातर संख्या गांवों में हीं देखने को मिलती है।
- गौरैया ज्यादा तापमान सहन नहीं कर सकती। प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग से शहरों का तापमान बढ रहा है, जिस कारण गोरैया उस बढते तापमान में रह नहीं पाती।
- गोरैया की संख्या कम होने का महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि विश्व भर में जंगल कम होते जा रहे हैं और पेड़-पौधों की संख्या भी कम होती जा रही है, जिससे गौरेया घोसले की तलाश में शहरों से दूर निकल जाते हैं।
When World Sparrow Day Is Celebrated?
भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में गौरैया की प्रजाति की संख्या तेजी से कम हो रही है। ऐसे में लोगों को गौरैया के संरक्षण और उससे संबंधित चुनौतियां के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 20 मार्च को ‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पक्षियों की सुरक्षा है और साथ हीं लोगों को भी ये समझाना है कि गौरैया सिर्फ उनके अस्तित्व के लिए ही नहीं बल्कि जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भविष्य में आने वाली पर्यावरण समस्याओं और गौरैया जैसी अन्य प्रजातियों की संख्या कम होने पर लोगों का ध्यान दिलाना और साथ ही इसके बारे में लोगों को जागरूक करना भी है।

World Sparrow Day History
आपको बता दें कि ‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) की शुरुआत 2009 में भारतीय संरक्षण वादी डॉक्टर मोहम्मद दिलावर ने की थी। उन्होंने गौर किया कि बढ़ाते हुए आधुनिकीकरण से मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण जैसी समस्याओं के कारण गौरैया की स्पीशीज की आबादी में तेजी से कमी आ रही है।
इस संकट के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए फ्रांस की इकोसिसिस एक्शन फाउंडेशन के सहयोग से साल 2010 में पहली बार ‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) मनाया गया। तब से अबतक हर साल 20 मार्च के दिन विश्व भर में गौरैया प्रजाति के संरक्षण के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है।
How World Sparrow Day Is Celebrated?
दरअसल, ‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को गौरैया की प्रजाति में आ रही कमी के बारे में जागरूक करना है। ऐसे में इस दिवस पर विश्व भर के स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में इस प्रजाति के संरक्षण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भाषण नाटक के पेंटिंग प्रतियोगिता गायन जैसी गतिविधियां शामिल होती है।
साथ ही इस दिवस पर गौरैया को लेकर लोगों को जागरूक करने वाले स्लोगन और पोस्टर के माध्यम से रैली निकाली जाती है ताकि लोग इस विषय पर ध्यान दें। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित अभियान चलाए जाते हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग गौरैया प्रजाति को बचाने के लिए प्रेरित हो। कई लोग अपने घर और बालकनी में पक्षियों के लिए दाना पानी रखते हैं ताकि गौरैया जैसे अन्य प्रजातियों को फिर से बचने के लिए सुरक्षित स्थान मिले और वे उन्हें अपने घर जैसा सुरक्षित महसूस कर सकें।

Why World Sparrow Day Is Celebrated?
‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि यदि अब भी लोगों ने गौरैया जैसी खूबसूरत प्रजाति के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो हम अपने आने वाली पीढियां को इसे केवल तस्वीरों में ही दिखा सकेंगे। गौरैया की घटती आबादी पर इस दिवस के माध्यम से लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाता है। ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाने से केवल इसी प्रजाति का संरक्षण नहीं अपितु पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का संदेश भी दिया जाता है।
साथ ही पक्षियों की अन्य विलुप्त होती प्रजातियों की सुरक्षा के लिए भी जागरूकता बढ़ाई जाती है। यह दिवस मनाने से लोगों के बीच आवास बहाली जैसे प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा मिलती है। साथ ही यह दिन घरेलू गौरैया की घटती संख्या उसके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक करता है। ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाने के साथ-साथ लोग अन्य पक्षियों के संरक्षण का संकल्प लेकर अपने आस-पास के वातावरण को तथा आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित वातावरण देने का प्रयास करते हैं।
World Sparrow Day 2025 Theme
आपको बता दें कि हर साल ‘विश्व गौरैया दिवस’ (World Sparrow Day 2025) की एक थीम निश्चित की जाती है जिसके अनुसार लोगों को एक नया संदेश दिया जाता है। इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस 2025 की थीम है “Our Tribute To Nature As A Messenger” यानी “प्रकृति के नन्हे दूधों को श्रद्धांजलि”। इस थीम का मुख्य उद्देश्य ना केवल पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना है, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए गौरैया की मुख्य भूमिका पर प्रकाश डालना भी है।
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